एक बार जब मैं एक मॉल मैं गई मैं कॅश काउन्टर पे कतार मैं थी जैसे ही मेरी बारी आती तभी कुछ गरीब बच्चे आये कुछ खाने के समान के साथ काउंटर पे पहुंचे सायद उन्हें ये मालूम न था की उन्हें कतार मैं आना चाहिये और सन्जोग बस मेरी ही बारी थी फिर मैंने कहा की उनकी बिल करदो आप उस नादान बच्चे ये भी नहीं पता था की उनके पास उतने पैसे है भी या नहीं संजोग वस उनके पास सिर्फ ६० रूपये ही थे और उन्हें ३० रुपए की जरूरत थी तो काउंटर पे जो लोग थे उन्होंने सामान देने से इनकार करदिया फिर बच्चों के आँखों मैं वो आँशु आगई .... उसदिन मुझे भी अपनी ज़िन्दगी के
कुछ ऐसे पल याद आएंगे तभी मैं मई सोची की सायद भगवान ने मुझे ये अबसर दिए है किसी को ख़ुशी देने का मैंने ऐसा ही किया। उसदिन मुझे लगा की मैंने आज किसी को खुसिया दी हुँ। और भगवान का सुक्रियदा करना चाहती हुँ।