Friday 6 May 2016

#khusiyanbato



एक बार जब मैं  एक मॉल  मैं  गई  मैं  कॅश काउन्टर  पे कतार  मैं थी  जैसे ही मेरी  बारी आती  तभी  कुछ गरीब  बच्चे आये कुछ खाने के समान के साथ काउंटर  पे पहुंचे  सायद उन्हें ये मालूम न था की उन्हें कतार मैं आना  चाहिये  और  सन्जोग बस मेरी ही बारी थी फिर मैंने  कहा की उनकी बिल करदो आप   उस नादान बच्चे  ये भी  नहीं  पता  था की उनके पास उतने पैसे है भी या नहीं  संजोग वस उनके पास सिर्फ ६० रूपये ही थे और उन्हें ३० रुपए  की जरूरत  थी तो काउंटर पे जो लोग थे उन्होंने सामान देने से इनकार  करदिया फिर बच्चों के आँखों मैं वो आँशु आगई  .... उसदिन मुझे भी अपनी ज़िन्दगी के
कुछ ऐसे  पल याद आएंगे तभी मैं  मई सोची की सायद भगवान ने मुझे ये अबसर दिए है किसी को ख़ुशी देने का  मैंने ऐसा ही किया। उसदिन मुझे लगा की मैंने आज किसी को खुसिया दी हुँ।  और भगवान  का  सुक्रियदा  करना चाहती  हुँ।    

Saturday 21 March 2015

There is no hope for that family or country where there is no estimation of women, where they live in sadness. For this reason, they have to be raised first.